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21ˢᵗ Century and Education

21ˢᵗ Century and Education
The 21st Century is the century of online education and e-learning is the way to learn in present times. As life continues to offer us challenges, we meet those challenges through our education and training in different domains of knowledge and skillsets . The last two decades have witnessed a phenomenal increase in the number of online education portals. Astrix Study is an online education portal promoting e-learning among students worldwide by providing services such as doubt clarification, quizzes, facts, notes, practice sets, events, multi-user discussion platforms, study videos, and live classes. We at Astrix Study provide a number of free online resources as well as a number of paid plans for comprehensive learning. Our effort is to offer students a platform for online school education. We initially started in 2018 to facilitate e-learning among kids and received a tremendous response to our initiative. As a growing e-learning company, we are gradually expanding our services and have plans to offer online degree programmes, training courses in different domains that provide an advantageous edge to the budding students around the world in an ever-changing educational scenario.

* This article was originally published here

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वायरस

वायरस ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है विष के सूक्ष्म अणु... जो सृष्टि की उत्पत्ति के दौरान से ही महासागरों के गहरे अंधेरे जल में... गंगा यमुना नील अमेज़न रिवर टेम्स नदी के पानी में बह रहे हैं...पूरी पृथ्वी पर इनकी एक महीन चादर बिछी हुई है ...प्रकृति में प्रति सेकंड अरबों खरबों वायरस उत्पन्न होते हैं नष्ट होते रहते हैं.. समुंदर के 1 लीटर पानी में ही 5000 टाइप के वायरस पाए जाते हैं अभी तक केवल 1% वायरस के विषय में अध्ययन किया सका है | वायरस ईश्वर निर्मित रचना है क्योंकि इनकी उत्पत्ति भी पृथ्वी पर जीवन के साथ ही हुई वायरस के अंदर भी वही जीवन का रसायन है जो हम मनुष्य जीवधारी ओ की कोशिकाओं में भरा होता है जिसे आप विज्ञान की भाषा में कोई भी नाम दे दे आरएनए या डीएनए| ईश्वर बिना प्रयोजन रचना नहीं रचता उसका सार्थक उद्देश्य होता है... इसे समझने के लिए वायरस या विषाणु से अलग हटकर थोड़ी चर्चा बैक्टीरिया जीवाणु पर कर लेते हैं बैक्टीरिया वायरस की तरह निर्जीव नहीं है वह एक कोशिकीय जीव है जो अपने आप प्रजनन करते हैं भोजन बनाते हैं नष्ट हो जाते हैं... बैक्टीरिया वायरस से स्थूल मोटे हो

गोरिल्ला और चिंपैंजी (हिन्दी)

मानव के निकटतम जीवित संबंधी है कपि और बंदर ।कपि में और बन्दर में अंतर -बंदर आकार में छोटे होते हैं और उनकी पूंछ होती है जबकि कपि आकार में बड़े होते हैं और उनकी पूंछ नही होती। यदि हम ध्यान पूर्वक देखें तो हम पाते हैं कि मानव के शरीर और बंदरों के शरीर में काफी समानता होती है दोनों केसर गोल होते हैं मस्तिष्क विकसित होता है आंखें सामने की तरफ देखती हैं और मनुष्य और बंदर के कान भी एक समान ही होते हैं और उंगलियां भी होती हैंऔर साथ मे अंगूठे भी होते हैं यानी मनुष्य कपि और बंदर किसी चीज को अपने हाथ से अंगूठे की मदद से पकड़ सकते हैं ।कपि बंदर और मनुष्य एक ही श्रेणी के स्तनपायी हैं जिन्हें प्राइमेट कहा जाता है । बंदर के पूँछ होती है लेकिन कपि के पूँछ नहीं होती है इसलिए बंदर की तुलना में कपि मनुष्य के ज्यादा नजदीक है और इस अनुसार मनुष्य कपि की किसी जाति का वंशज है। परंतु मनुष्य के पूर्वज कपि आजकल के कपियों से भिन्न थे। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि लगभग दो करोड़ वर्ष पूर्व छोटे कपि दो वर्गों में बंट गए थे एक कपि का वर्ग जमीन पर रहने लगा जो आगे चलकर मनुष्य बना और दूसरा वर्ग जो पेड़ों पर रहता था वह

चोर पक्षी महालत (हिन्दी) - Roofus Treepie Bird

महालत पक्षी संपूर्ण भारतवर्ष में पाया जाता है|इस पक्षी का स्थानीय नाम टकाचोर भी है... जो बहुत विचार पूर्वक रखा गया है...| महालत महोदय को चोरी में महारत हासिल है... जैसे ही छोटे बड़े पक्षी सुबह अपने घर से निकलते हैं दाना पानी प्रवास के लिए यह उनके घर में सेंधमारी कर देता है... भोजन छीन लेता है.. चुरा लेता है.... भोजन को छुपाने में भी माहिर है| आखिर यह कौवे के परिवार से जो आता है...| जो आदत कौवे की है वहीं इसकी है... या यूं कहे कौवे से भी बढ़कर है | खाने में सर्वाहारी है |वेज नॉनवेज सब कुछ हजम है... एकदम ताजा मरे हुए पशु का मांस बहुत प्रिय है इसको| यह पक्षी मीठी करकस भयानक अनेक तरीका की आवाज निकालने में माहिर है... पूरा दिन इसका ताका झांकी में ही जाता है.... आम के पेड़ व विशाल वृक्षों पर घोंसला बनाता है चटाई युक्त... इसका घोसला गहरा नहीं होता टू डाइमेंशनल होता है बेतरतीब| नर और मादा पक्षी को आप दोनों हाथ में लेकर भी नहीं पहचान सकते दोनों एकदम हूबहू होते हैं * This article was originally published here