मानव के निकटतम जीवित संबंधी है कपि और बंदर ।कपि में और बन्दर में अंतर -बंदर आकार में छोटे होते हैं और उनकी पूंछ होती है जबकि कपि आकार में बड़े होते हैं और उनकी पूंछ नही होती। यदि हम ध्यान पूर्वक देखें तो हम पाते हैं कि मानव के शरीर और बंदरों के शरीर में काफी समानता होती है दोनों केसर गोल होते हैं मस्तिष्क विकसित होता है आंखें सामने की तरफ देखती हैं और मनुष्य और बंदर के कान भी एक समान ही होते हैं और उंगलियां भी होती हैंऔर साथ मे अंगूठे भी होते हैं यानी मनुष्य कपि और बंदर किसी चीज को अपने हाथ से अंगूठे की मदद से पकड़ सकते हैं ।कपि बंदर और मनुष्य एक ही श्रेणी के स्तनपायी हैं जिन्हें प्राइमेट कहा जाता है । बंदर के पूँछ होती है लेकिन कपि के पूँछ नहीं होती है इसलिए बंदर की तुलना में कपि मनुष्य के ज्यादा नजदीक है और इस अनुसार मनुष्य कपि की किसी जाति का वंशज है। परंतु मनुष्य के पूर्वज कपि आजकल के कपियों से भिन्न थे। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि लगभग दो करोड़ वर्ष पूर्व छोटे कपि दो वर्गों में बंट गए थे एक कपि का वर्ग जमीन पर रहने लगा जो आगे चलकर मनुष्य बना और दूसरा वर्ग जो पेड़ों पर रहता था वह आज का कपि है लेकिन फिर भी यह कपि हमारे निकटतम संबंधी है कपि के दो जो मुख्य प्रकार है वह है गोरिल्ला और चिंपांजी। गोरिल्ला सबसे विशालकाय कपि होता है जो अफ्रीका के जंगलों में पाया जाता है जिसका कद लगभग 7 फीट होता है और वजन 200 किलोग्राम से ज्यादा होता है। गोरिल्ला काफी विशालकाय होता है और काफी शक्तिशाली होता है इसके पूरे शरीर पर काले बाल होते हैं और खास बात ये कि बुढ़ापे में गोरिल्ला के सर के बाल भी सफेद हो जाते हैं मनुष्यो की तरह। गोरिल्ला के हाथ काफी लंबे होते हैं और इसके पैर मनुष्य की तरह ही होते हैं लेकिन हाथों की तुलना में छोटे होते हैं ।गोरिल्ला चार पैरों पर भी चलता है और दो पर भी।गोरिल्ला जब गुस्से में आता है तब वह अपना सीना पीटता है ऐसा वह तब करता है जब वह हमला करने वाला होता है या जब उसका उद्देश्य अपने शत्रु को डराना होता है लेकिन आमतौर पर गोरिल्ला एक बहुत ही शांत प्राणी है और वह अकारण किसी पर हमला नहीं करता है ।गोरिल्ला एक सामूहिक प्राणी है और वह 10 से 20 सदस्यों के परिवार में रहता है गोरिल्ला परिवार का स्वामी एक नर होता है और सभी सदस्य उसकी आज्ञा का पालन करते हैं गोरिल्ला पेड़ों पर मचान बनाकर रहते हैं और कभी-कभी वह जमीन पर भी मचान बनाते हैं और खास बात यह है कि मादा और बाकी बच्चे पेड़ पर बने मचान पर सोते हैं और गोरिल्ला उसी पेड़ के नीचे कमर लगा कर सोता है ताकि अगर कोई शत्रु हमला करें तो उसका मुकाबला करके मां और बच्चों को बचा सके। गोरिल्ला एक शाकाहारी जानवर है और वह फल फूल पत्तियों का सेवन करता है एक बहुत शक्तिशाली जानवर है और उसमें 10 मानवों के समान शक्ति होती है और वह सरलता से किसी भी मनुष्य की खोपड़ी तोड़ सकता है लेकिन गोरिल्ला हिंसक और आक्रामक जानवर नहीं है अगर उसे कोई मनुष्य दिखाई देता है तो उस पर हमला नहीं करता है जब तक कि वो मनुष्य हमला न करे।गोरिल्ला में बाकी जानवरों की तुलना में बुद्धि ज्यादा होती है लेकिन चिंपैंजी की तुलना में कम बुद्धि होती है और गोरिल्ला पालतू नहीं बनाया जा सकता है अगर गोरिल्ला पाला जाता है तो वह जल्दी ही मर जाता है और गोरिल्ला में नकल करने की क्षमता भी नहीं होती है। अब हम बात करते हैं चिंपैंजी की।चिंपैंजी गोरिल्ला की तुलना में काफी समझदार होता है आकार में काफी छोटा होता है और यह काफी बुद्धिमान होता है और मनुष्य का निकट संबंध माना जाता है ।यह पेड़ों पर अधिक रहता है यह मुख्य रूप से फल खाता है लेकिन चिम्पांजी सर्वाहारी होता है यानी मांस और फल फूल सब खा सकता है।और यह एक दल बनाकर रहता है जिसमें लगभग 100 सदस्य होते हैं चिंपैंजी हमेशा पेड़ों पर ही सोते हैं और रात में पेड़ों पर जमीन से 25 मीटर ऊंचा डालो को मोड़ कर सोने के लिए एक मचान तैयार करते हैं ।चिंपैंजी मौका पाने पर छोटी जीवो को भी खा सकता है और वह कभी कभी चिंपांजी दूसरे चिंपांजी के दलों पर भी हमला करके उनके इलाके पर कब्जा कर लेते हैं और उनके बच्चों को भी मार देते हैं ।चिंपैंजी उपकरणों का भी प्रयोग कर सकते हैं अगर उचित प्रशिक्षण दिया जाए तो वे आरी से लकड़ी चीर सकते हैं पेचकश से पेच खोल सकते हैं कर सकते हैं और भी काफी छोटे-मोटे काम कर सकते हैं चाबी से ताला भी खोल सकते हैं साइकिल भी चला सकते हैं इस हिसाब से देखा जाए तो चिंपैंजी मानव का निकटतम संबंधी है |
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