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वायरस

वायरस ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है विष के सूक्ष्म अणु... जो सृष्टि की उत्पत्ति के दौरान से ही महासागरों के गहरे अंधेरे जल में... गंगा यमुना नील अमेज़न रिवर टेम्स नदी के पानी में बह रहे हैं...पूरी पृथ्वी पर इनकी एक महीन चादर बिछी हुई है ...प्रकृति में प्रति सेकंड अरबों खरबों वायरस उत्पन्न होते हैं नष्ट होते रहते हैं.. समुंदर के 1 लीटर पानी में ही 5000 टाइप के वायरस पाए जाते हैं अभी तक केवल 1% वायरस के विषय में अध्ययन किया सका है | वायरस ईश्वर निर्मित रचना है क्योंकि इनकी उत्पत्ति भी पृथ्वी पर जीवन के साथ ही हुई वायरस के अंदर भी वही जीवन का रसायन है जो हम मनुष्य जीवधारी ओ की कोशिकाओं में भरा होता है जिसे आप विज्ञान की भाषा में कोई भी नाम दे दे आरएनए या डीएनए| ईश्वर बिना प्रयोजन रचना नहीं रचता उसका सार्थक उद्देश्य होता है... इसे समझने के लिए वायरस या विषाणु से अलग हटकर थोड़ी चर्चा बैक्टीरिया जीवाणु पर कर लेते हैं बैक्टीरिया वायरस की तरह निर्जीव नहीं है वह एक कोशिकीय जीव है जो अपने आप प्रजनन करते हैं भोजन बनाते हैं नष्ट हो जाते हैं... बैक्टीरिया वायरस से स्थूल मोटे हो...

गोरिल्ला और चिंपैंजी (हिन्दी)

मानव के निकटतम जीवित संबंधी है कपि और बंदर ।कपि में और बन्दर में अंतर -बंदर आकार में छोटे होते हैं और उनकी पूंछ होती है जबकि कपि आकार में बड़े होते हैं और उनकी पूंछ नही होती। यदि हम ध्यान पूर्वक देखें तो हम पाते हैं कि मानव के शरीर और बंदरों के शरीर में काफी समानता होती है दोनों केसर गोल होते हैं मस्तिष्क विकसित होता है आंखें सामने की तरफ देखती हैं और मनुष्य और बंदर के कान भी एक समान ही होते हैं और उंगलियां भी होती हैंऔर साथ मे अंगूठे भी होते हैं यानी मनुष्य कपि और बंदर किसी चीज को अपने हाथ से अंगूठे की मदद से पकड़ सकते हैं ।कपि बंदर और मनुष्य एक ही श्रेणी के स्तनपायी हैं जिन्हें प्राइमेट कहा जाता है । बंदर के पूँछ होती है लेकिन कपि के पूँछ नहीं होती है इसलिए बंदर की तुलना में कपि मनुष्य के ज्यादा नजदीक है और इस अनुसार मनुष्य कपि की किसी जाति का वंशज है। परंतु मनुष्य के पूर्वज कपि आजकल के कपियों से भिन्न थे। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि लगभग दो करोड़ वर्ष पूर्व छोटे कपि दो वर्गों में बंट गए थे एक कपि का वर्ग जमीन पर रहने लगा जो आगे चलकर मनुष्य बना और दूसरा वर्ग जो पेड़ों पर रहता था वह ...

ना उड़ सकने वाले पक्षी

आमतौर पर जितने भी पक्षी होते हैं वह सभी आसमान में उड़ सकते हैं लेकिन फिर भी कुछ ऐसे पक्षी है जो उड़ नहीं सकते हैं इस लेख में उन्हीं पक्षियों के बारे में बताया जाएगा इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है शुतुरमुर्ग का जो दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी है और जो उड़ नहीं सकता है शुतुरमुर्ग शुतुरमुर्ग की ऊंचाई लगभग 9 फीट होती है और वजन लगभग डेढ़ सौ किलोग्राम होता है ।शुतुरमुर्ग दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है और यह 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है यह इतना शक्तिशाली होता है कि इसकी पीठ पर दो आदमी बैठ सकते हैं और यह उनको लेकर दौड़ सकता है। शुतुरमुर्ग का प्रमुख भोजन वनस्पति घास फूस फल फूल अनाज आदि हैं और साथ ही छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े छिपकली खा लेता है। एक शुतुरमुर्ग के पास 3 से 4 मादाएं में होती हैं और वह सभी मिलकर एक ही घोसले में अंडे देती हैं ।इसका घोंसला जमीन पर ही होता है। शुतुरमुर्ग के 1 घोंसले में लगभग 15 अंडे होते हैं जो इसकी सारी मादाओं के होते हैं । दूसरा ना उड़ सकने वाला पक्षी है रिआ रिआ रिआ को दक्षिण अमेरिका का शुतुरमुर्ग कहा जाता है। यह शुतुरमुर्ग से मिलता-जुलता होता है लेक...